क्रीम से मालिश 09876010894 Man Sex For Women In Ludhiana Gigolo Massage In Ludhiana Gigolo Massage And Sex In Ludhiana
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Sunny Garg
क्या मस्त माल थी वो.. हय..
खैर.. मैं अन्दर गया.. घर पर कोई नहीं था। उसने मुझे बैठने को बोला और खुद पानी लेने चली गई।
पीछे से देखने में.. क्या मस्त कमर थी उसकी.. हिलती हुई गाण्ड कयामत ढा रही थी।
पीछे से देखने में.. क्या मस्त कमर थी उसकी.. हिलती हुई गाण्ड कयामत ढा रही थी।
मेरे पानी पी लेने के बाद वो बोली- चलें अन्दर.. क्योंकि मेरे पास एक बजे तक का ही वक्त है.. फिर मेरे घरवाले आ जाएँगे।
मैंने सिर हिला कर हामी भरी और उसके पीछे चलकर कमरे में पहुँच गया।
मैंने सिर हिला कर हामी भरी और उसके पीछे चलकर कमरे में पहुँच गया।
उसने पलंग पर मसाज से एक खराब न हो सकने वाली सी चादर पहले से ही बिछा रखी थी।
मैं बोला- कपड़े उतार दो..
मैं बोला- कपड़े उतार दो..
उसने कपड़े उतारे.. अब वो सिर्फ़ लाल रंग कि ब्रा-पैन्टी में रह गई थी।
मुझसे बोली- आप भी तो उतारिए..
मुझसे बोली- आप भी तो उतारिए..
मैंने अपने कपड़े उतार दिए और सिर्फ़ जांघिया में रह गया। मैंने उसे पेट के बल लेटने को बोला.. वो लेट गई।
मैंने उसकी पीठ पर तेल डाला और हाथ से शुरू हुआ ही था कि वो उठ कर बैठ गई। मैं तो घबरा ही गया।
वो बोली- पहली बार कर रहे हो क्या?
वो बोली- पहली बार कर रहे हो क्या?
मैं बोला- क्या हुआ.. करने दो अगर पूरे जिस्म का दर्द ना निकल जाए तो कहना।
‘मुझे ‘बॉडी टू बॉडी’ मसाज चाहिए.. आ गई समझ में?’
‘मुझे ‘बॉडी टू बॉडी’ मसाज चाहिए.. आ गई समझ में?’
मैं समझ गया था कि इसे मसाज की नहीं चुदास की बीमारी है।
उसकी मासूम सी आँखों को देख कर लग ही नहीं रहा था कि ये लौंडिया इतनी चुदासी हो सकती है।
उसकी मासूम सी आँखों को देख कर लग ही नहीं रहा था कि ये लौंडिया इतनी चुदासी हो सकती है।
फिर भी मैं बोला- कोई बात नहीं.. पर इसका चार्ज डबल है।
वो बोली- कोई बात नहीं.. मुझे खुश कर दो.. जितना चाहोगे.. मिल जाएगा.. मेरी फ्रेंड ने तो तुम्हारी बड़ी तारीफ की थी.. उसी ने आपकी ईमेल आईडी बताई थी।
वो बोली- कोई बात नहीं.. मुझे खुश कर दो.. जितना चाहोगे.. मिल जाएगा.. मेरी फ्रेंड ने तो तुम्हारी बड़ी तारीफ की थी.. उसी ने आपकी ईमेल आईडी बताई थी।
मैंने कहा- अगर मज़ा ना आए तो कोई पैसा नहीं लूँगा.. पर उसके लिए आपको सारे कपड़े उतारने पड़ेंगे।
इससे पहले की मेरी बात पूरी होती.. उसने ब्रा-पैन्टी उतार कर एक साइड कर दी और उसके 32 साइज़े के मम्मे मेरे सामने तने हुए थे.. उसकी कोमल सी चूत का तो मैं बयान नहीं कर सकता था.. बिल्कुल छोटी और अनछुई बुर.. मैंने कभी ऐसी गुलाबी रंगत लिए हुए कोई चूत नहीं देखी थी।
मेरी आँखें वासना से चमक उठी थीं.. उसकी मम्मे एकदम कोरे थे.. चूचुक एकदम पफी थे.. उनकी गुलाबी रंगत मुझे जानवर होने का अहसास दिला रहे थे..
उसने चुटकी बजाकर आवाज़ दी- कहाँ खो गए.. राज कपड़े निकालो..
जैसे मैं अपनी नींद से जागा.. मैंने हड़बड़ा कर कहा- ह..हाँ
उसने चुटकी बजाकर आवाज़ दी- कहाँ खो गए.. राज कपड़े निकालो..
जैसे मैं अपनी नींद से जागा.. मैंने हड़बड़ा कर कहा- ह..हाँ
अब मैं भी पूरा नंगा हो चुका था.. लेकिन मेरा लण्ड अभी आधा तना हुआ ही था.. जो सिर्फ़ अभी 5″ का ही था।
उसने मुस्कुरा कर लण्ड की तरफ देखा और सीधी हो कर लेट गई।
उसने मुस्कुरा कर लण्ड की तरफ देखा और सीधी हो कर लेट गई।
मैं बोला- पलट जाओ.. पहले पीठ की मालिश करेंगे।
वो कहने लगी- नहीं.. इतना टाइम नहीं है आप सामने से ही करो।
वो कहने लगी- नहीं.. इतना टाइम नहीं है आप सामने से ही करो।
मैं चुप हो गया और उसके पूरे बदन पर तेल टपका दिया।
अब जैसे ही मेरी छाती उसकी छाती से रगड़ना शुरू हुई.. वो गरम हो कर सिसकारी भरने लगी- आआअहह.. उउहह राज.. कहाँ थे अब तक..
अब जैसे ही मेरी छाती उसकी छाती से रगड़ना शुरू हुई.. वो गरम हो कर सिसकारी भरने लगी- आआअहह.. उउहह राज.. कहाँ थे अब तक..
करीब 15 मिनट तक मैं अपने बदन से उसके बदन को मसलता रहा। उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी। उसका हाथ मेरे लण्ड तक पहुँच चुका था.. जो अब तन कर 8″ का हो चुका था। उसने लण्ड को पकड़ कर अपनी चूत पर टिका दिया।
‘धक्का मारो राज.. अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा है..’
वो अपने नाख़ून मेरे पीठ पर गाड़ने लगी.. जैसे वो जैसे एक ख़ूँख़ार चुदासी शेरनी बन गई हो..
वो अपने नाख़ून मेरे पीठ पर गाड़ने लगी.. जैसे वो जैसे एक ख़ूँख़ार चुदासी शेरनी बन गई हो..
मैंने भी उससे पीछा छुड़ाना ही सही समझा.. चूँकि मैं भी गरम हो चुका था.. सो मैंने एक जोरदार धक्का मारा और मेरा आधा लण्ड चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया।
वो ज़ोर से चिल्लाई.. पर मुझे कोई डर नहीं था.. क्योंकि उसके घर पर कोई नहीं था।
उसकी आँखों से आँसुओं की मोटी-मोटी बूँदें बाहर आ गईं।
वो ज़ोर से चिल्लाई.. पर मुझे कोई डर नहीं था.. क्योंकि उसके घर पर कोई नहीं था।
उसकी आँखों से आँसुओं की मोटी-मोटी बूँदें बाहर आ गईं।
मैं थोड़ी देर रुक गया.. वो बोली- रूको मत.. मुझे सील टूटने का दर्द पूरी तरह से महसूस करना है।
अभी इतना सुना ही था कि मैंने लण्ड थोड़ा सा बाहर खींचा और एक ज़ोर का धक्का फिर से चूत पर लगा दिया..
अभी इतना सुना ही था कि मैंने लण्ड थोड़ा सा बाहर खींचा और एक ज़ोर का धक्का फिर से चूत पर लगा दिया..
पर ये क्या.. मेरे इस जोरदार शॉट से वो बेहोश हो गई.. मैं डर गया और उठकर उसके चेहरे पर पानी मारने लगा।
कुछेक पलों के बाद उसने आँख खोल दीं.. मैंने पूछा- अब कैसा लग रहा है?
कुछेक पलों के बाद उसने आँख खोल दीं.. मैंने पूछा- अब कैसा लग रहा है?
वो बोली- अब दर्द नहीं है.. तुम अपना काम करो.. मैं फिर से ऊपर आ गया और लण्ड चूत के मुहाने पर सैट करके धीरे-धीरे चुदाई शुरू कर दी। वो दुबारा गरम हो गई और नीचे से धक्के का जवाब धक्के से देने लगी।
अब तक की 25 मिनट की चुदाई में वो 3 बार झड़ चुकी थी.. मेरा भी काम होने वाला था।
मैंने पूछा- कहाँ निकालूँ?
वो बोली- अन्दर ही डालो.. मुझे हर मज़े का अहसास करना है।
मैंने रफ़्तार बढ़ा कर चूत में ही पिचकारी छोड़ दी और उसके ऊपर लेट गया।
मैंने पूछा- कहाँ निकालूँ?
वो बोली- अन्दर ही डालो.. मुझे हर मज़े का अहसास करना है।
मैंने रफ़्तार बढ़ा कर चूत में ही पिचकारी छोड़ दी और उसके ऊपर लेट गया।
थोड़ी देर बाद मैं उठा.. उससे हिला भी नहीं जा रहा था.. सो मैं उसे उठा कर बाथरूम ले गया।
उसकी चूत.. मेरा लण्ड और पूरी चादर सब खून से सने थे.. सारी सफाई के बाद मैं पैसे लेकर अपने घर आ गया।
उसकी चूत.. मेरा लण्ड और पूरी चादर सब खून से सने थे.. सारी सफाई के बाद मैं पैसे लेकर अपने घर आ गया।
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